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लेखनी कहानी -01-Apr-2022 हम नहीं बनने वाले हैं अप्रैल फूल

आज सुबह जैसे ही हम जगे , सामने श्रीमती जी चमकते चेहरे पर चार इंची मुस्कान लिये खड़ी थीं । सुबह सुबह से ऐसा चमकता चेहरा मुस्कान के साथ नजर आ जाये तो समझो दिन बन जाता है । हमने कहा "बड़ी खूबसूरत लग रही हो । सुबह सुबह ही कत्ल करने का इरादा है क्या ? कुछ खा पी तो लेने देती कम से कम" ? 


मैडम जी की मुस्कान चार से आठ इंची हो गई । कहने लगीं "हम नहीं बनने वाले अप्रैल फूल । हमें पता है कि साल के 365 दिनों में से केवल आज ही के दिन आप ये शब्द कहते हो । बाकी 364 दिन तो पता नहीं क्या क्या कहते हो" । 

हमने कहा "अच्छा एक बात बताओ , साल में दीवाली कितने दिन मनाती हो" ? 

वो हमारे इस प्रश्न से एकदम से भौंचक रह गई । तुनक कर बोलीं "एक दिन ही मनाते हैं दीवाली । रोज रोज थोड़े ही मनाता हैं कोई" । 

हमने कहा "तो हम भी एक ही दिन मनाते हैं यह दिन आपकी तरह । रोज रोज थोड़े ही मनाते हैं कोई" ? 

यह सुनकर वो भड़क गईं । कहने लगीं "आप कितनी भी कोशिश कर लो , हम बनने वाले नहीं हैं अप्रैल फूल" । 

हमने हंसकर कह दिया "जो पहले से बने बनाये हों , उन्हें कौन बना सकता है भला" ? 

इस बात से वो इतनी खफा हो गई कि तबसे ही "कोप भवन" में बैठीं हैं । किचिन हमें संभालनी पड़ रही है । 

कुछ गलत कह दिया क्या हमने, साथियों ? अब क्या किया जाये , थोड़ा क्लू वगैरह तो देना । आप सब ज्ञानी लोग हमारा उद्धार करें और इस मुसीबत से निकालें । 

😀😀💐💐🙏🙏

"अप्रैल फूल दिवस" पर हार्दिक शुभकामनाएं 
💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏

हरिशंकर गोयल "हरि"
1.4.22 

   3
3 Comments

Gunjan Kamal

03-Apr-2022 10:15 AM

बहुत खूब

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Abhinav ji

03-Apr-2022 08:23 AM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

03-Apr-2022 09:40 AM

💐💐🙏🙏

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